Thursday, August 4, 2022
कर्म के अनुसार मिलता है फल
भौतिक संसार में मनुष्य आता भी भगवान की मर्जी से है और जाता भी भगवान की मर्जी से है। बिना भगवान की मर्जी के कुछ भी नहीं हो सकता। मनुष्य व्यर्थ इस भ्रम में रहता है कि वह स्वयं सब कुछ कर रहा है। मनुष्य अपने कर्मों के अनुसार फल भोगता है। जो कर्म मनुष्य करता है वह उसे याद नहीं रहता है। विपत्ति के समय ही उसे अपने बुरे कर्म याद आते हैं। उन्होंने कहा कि संसार में आने से पूर्व मनुष्य पूर्ण रूप से शुद्ध होता है, संसार में आने के बाद वह ठीक उसी प्रकार मैला हो जाता है, जैसे वर्षा का पानी आसमान से बरसता तो शुद्ध है, लेकिन पृथ्वी पर आने के बाद वह मैला हो जाता है। इस संसार समुद्र में मनुष्य गोते लगा रहा है, लेकिन उसको कहीं भी किनारा नहीं मिल रहा है। वह सत्य से भाग रहा है, जबकि सत्य की प्राप्ति केवल भगवद् पूजा, अर्चना एवं कीर्तन के माध्यम से ही हो सकता है।
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swagat hai , aata rahunga
ReplyDeletenarayan narayan
ReplyDeleteटिप्पणी वाला वर्ड वेरीफीकेशन हटा लें ताकि टिप्पणी देने में सहूलियत हो.
ReplyDeleteवर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?> इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया.
यहाँ भी आयें आपका स्वागत है,
http://www.sahdeo.blogspot.com
हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं.........
ReplyDeleteइधर से गुज़रा था, सोचा, सलाम करता चलूं....
www.samwaadghar.blogspot.com